प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की 18 संपत्तियां जब्त की हैं
ADAG Group कौन-कौन-सी संपत्तियाँ जब्त हुईं, किन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई है, और इसके पीछे का कारण/प्रसंग।
क्या हुआ (संक्षेप)
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी समूह (Reliance/Anil Ambani-linked companies) की ₹1,120 करोड़ मूल्य की नवीन संपत्तियाँ अस्थायी रूप से ज़ब्त (attach/seize) कीं। यह कार्रवाई बैंक-लोन धोखाधड़ी / धनशोधन (PMLA) से जुड़ी चल रही जाँच के सिलसिले में की गई है। इस नवीनतम कदम के बाद समूह के खिलाफ अब तक कुल जब्त संपत्तियाँ लगभग ₹10,117 करोड़ हो गई हैं।
क्या-क्या जब्त किया गया
ED ने 18 से अधिक परिसंपत्तियाँ ज़ब्त की हैं — इनमें फिक्स्ड डिपॉज़िट (सावधि जमा), बैंक बैलेंस, और नॉन-लिस्टेड निवेशों (unlisted shareholdings) में हिस्सेदारी शामिल है।
एजेंसी के बयान के अनुसार ये परिसंपत्तियाँ अलग-अलग अनिल अंबानी-सम्बंधित कंपनियों से जुड़ी हैं — उदाहरण के तौर पर Reliance Infrastructure की 7 परिसंपत्तियाँ, Reliance Power/अन्य संबंधित कंपनियों की कुछ परिसंपत्तियाँ, और अन्य ग्रुप-कंपनियों में हिस्सेदारी/बैंक बैलेंस। (स्रोतों में कंपनियों के नाम और परिसंपत्तियों की श्रेणियाँ रिपोर्ट की गई हैं)।
> नोट: अलग-अलग समाचार रिपोर्टों में परिसंपत्तियों की सूची और कंपनियों के नामों का क्रम/विवरण थोड़ा-थोड़ा अलग दिखता है (मीडिया ब्रीफिंग और ED के आधिकारिक रिलीज़ के आधार पर)। ऊपर दिया गया सार प्रमुख रूप से ED की प्रेस स्टेटमेंट पर आधारित है।
ये कार्रवाई किस मामले से जुड़ी है
यह कार्रवाई मुख्यतः बैंक धोखाधड़ी / धनशोधन (PMLA) से संबंधित जांच का हिस्सा है — रिपोर्टों में कहा गया है कि यह Yes Bank, Reliance Home Finance (RHFL), Reliance Commercial Finance और अन्य फाइनेंस-लोन से जुड़ी जांचों से संबंधित है। ED का कहना है कि इन मामलों में ग्राहकों/बैंकों के साथ जुड़े कथित कर्ज/लेन-देनों के संदर्भ में धन शोधन के आरोप हैं।
अब तक कुल जब्त राशि और पिछला हिसाब
नवीनतम ₹1,120 करोड़ की जब्ती के बाद ED के अनुसार समूह से कुल ज़ब्त संपत्तियाँ = लगभग ₹10,117 करोड़ हो गई हैं। पहले भी कई चरणों में करोड़ों की संपत्तियाँ अटैच की जा चुकी थीं।
अनिल अंबानी / समूह की प्रतिक्रिया
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में समूह या उनकी कंपनियों की ओर से प्रतिक्रिया/टिप्पणी भी दर्ज हुई है — आम तौर पर कंपनियों का कहना होता है कि वे कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे और आवश्यक कानूनी उपाय उठाएंगे। (विशेष किस्म की आधिकारिक प्रेस-रिलीज़ के लिए कंपनियों के अपने बयान देखना चाहिए)।
क्या आगे होगा (कानूनी प्रक्रिया)
ED की ये कार्रवाई अस्थायी ज़ब्ती (provisional attachment) है — इसका अर्थ यह है कि संपत्तियाँ फिलहाल ED के नियंत्रण में रखी जा सकती हैं जबकि जाँच और मुक़दमों की प्रक्रिया चलती है। प्रभावित पक्ष (कंपनियाँ/अनिल अंबानी) अदालत/ट्रिब्यूनल में आपत्तियाँ/हक़ीक़त पेश कर सकते हैं। केस PMLA और बैंक धोखाधड़ी के नियमों के तहत चलेगा।
रेफ़रेन्स/स्रोत (मुख्य रिपोर्टें)
1. न्यूज़ ऑन एयर — "ईडी ने रिलायंस अनिल अंबानी समूह की 1,120 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ ज़ब्त की" (विस्तृत ब्योरा)।
2. LiveMint (हिन्दी) — ED की ताज़ा क्रिया और अब तक कुल जब्त संपत्ति का विवरण।
3. Republic / Republic Bharat — "ED attaches assets worth Rs 1120 crore" (समूह की प्रतिक्रिया सहित)।
4. Outlook / अन्य राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टें — Yes Bank / RHF संदर्भ में विवरण।

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