SabjiKothi Success Story: IIT से पढ़ाई, किसानों के लिए बनाय चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज... जानिए Nikki Kumar Jha की कहानी

 


SabjiKothi Startup: बिहार के भागलपुर के रहने वाले 27 साल के निक्की कुमार झा ने 'सब्जी कोठी' नाम से एक ऐसा स्टार्टअप शुरू किया, जिससे किसानों की एक बड़ी समस्या का समाधान में मदद मिली. इसकी मदद से किसानों की फसल खराब होने से बचाया जा सकता है. यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज है. यह सब्जियों और फलों की ताजगी को 5-7 दिन तक बनाए रखने में मदद करता है.

भारत के किसान दिन-रात खेतों में मेहनत करते हैं. लेकिन उनकी जिंदगी में असली लड़ाई तब शुरू होती है, जब फसल तैयार होती है. सही दाम मिलना तो दूर, कई बार उनकी मेहनत की फसल मंडी तक पहुंचने से पहले ही खराब हो जाती है. किसानों के लिए यह समस्या काफी बड़ी है. बिहार के भागलपुर के रहने वााले निक्की कुमार झा ने इस समस्या का समाधान निकाला और किसानों की जिंदगी काफी आसान बनी दी. 27 साल के निक्की झा ने सब्जी कोठी नाम से स्टार्टअप की शुरुआत की. यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज है. चलिए आपको 50 करोड़ की कंपनी खड़ी करने वाले निक्की झा की कहानी बताते हैं.

क्या है सब्जी कोठी-
सब्जी कोठी एक पोर्टेबल स्टोरेज यूनिट है, जिसे सब्जियों और फलों को ताजा रखने के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी सबसे खास बात ये है कि यह बिना बिजली के काम करता है और बेहद किफायती भी है. इसे खासतौर पर उन किसानों के लिए बनाई गई है, जिनके पास अपनी फसल को रखने के लिए महंगे कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेटेड वाहनों का विकल्प नहीं होता है.

किसानों के लिए फायदेमंद है सब्जी कोठी-
आज के समय में सब्जी कोठी की 3000 से ज्यादा यूनिट्स पूरे भारत में इस्तेमाल हो रही हैं. इसने कई किसानों की आय को बढ़ाने और उनकी फसलों को बर्बादी से बचाने का काम किया है. सब्जी कोठी के उपयोग से किसान अपनी फसल को खराब होने से बचा सकते हैं. इसे किसान बड़े आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है. ये सब्जियों और फलों की ताजगी को 5-7 दिनों तक बनाए रखता है. कोल्ड स्टोरेज या महंगे वाहनों की जरूरत नहीं पड़ती और इसे कोई भी किसान आसानी इस्तेमाल कर सकता है. किसान तक से बातचीत में निक्की झा ने बताया कि उनका सपना अगले 5 साल में सब्जी कोठी को एक करोड़ किसानों तक पहुंचाना है.

कैसे आया स्टार्टअप का आइडिया-
निक्की झा को सब्जी कोठी का आइडिया तब आया, जब उन्होंने इस समस्या को समझने के लिए खुद मंडियों में सब्जियां बेची. 5 दिनों तक मंडी में बिताने के बाद उन्होंने महसूस हुआ कि किसानों के लिए फसल को मंडी तक लाने और उचित दाम पर बेचने में कितनी मुश्किलें होती हैं. निक्की ने देखा कि अधिकतर किसान कोल्ड स्टोरेज का खर्चा उठाने में असमर्थ हैं और कई जगहों पर बिजली की समस्या भी है. इसके बाद उन्होंने डिजाइन थिंकिंग की मदद से एक ऐसा समाधान खोजा, जो हर किसान के लिए इस्तेमाल करना आसान और बजट फ्रेंडली हो. इसकी कीमत इतनी कम रखी गई, ताकि सभी किसान बड़े आसानी से इसे खरीद सकें.

कौन हैं निक्की कुमार झा-
27 साल के निक्की का जन्म बिहार के भागलपुर के गंगा किनारे बसे एक छोटे से गांव में हुआ. वे खुद भी एक किसान परिवार से होने के कारण हमेशा से उनका जुड़ाव खेती-बाड़ी से रहा. निक्की ने आईआईटी से पढ़ाई की. उन्होंने मास्टर डिग्री नालंदा यूनिवर्सिटी से हासिल की. उन्होंने विदेश में भी शिक्षा ली.
अपने गांव को हमेशा अपने दिल के करीब रखने वाले निक्की ने गांव के किसानों को फसल और सब्जियों की अधिक पैदावार को बर्बाद होते और आर्थिक नुकसान झेलते देखा था. इसलिए उन्होंने इसे समस्या का समाधान अपने कौशल और अनुभव से करने की ठानी.

निक्की झा ने टीवी के चर्चित शो शार्क टैंक इंडिया में भी अपना प्रोजेक्ट पेश किया था और उन्होंने 24 करोड़ रुपए की वैल्यूशन मांगी थी. हालांकि शो ने इसमें इंवेस्ट करने से इनकार कर दिया. लेकिन बाद में निक्की की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई थी और पीएम मोदी ने उनके स्टार्टअप की तारीफ की थी.

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