IPO News: अगले हफ्ते खुलेंगे नए IPO, पैसा रखें तैयार; चेक करें किसका GMP उड़ा रहा गर्दा
Excelsoft Technologies IPO —
एक्सेलसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज का मेनबोर्ड कैटेगरी का आईपीओ भी बुधवार 19 नवंबर को खुलेगा, जबकि शुक्रवार 21 नवंबर को ही बंद होगा। इसके आईपीओ में प्राइस बैंड 114-120 रुपये का है, जबकि लॉट साइज 125 शेयरों की है।
1. IPO का आकार (Issue Size):
कुल IPO = ₹ 500 करोड़
Fresh Issue (नए शेयर): ₹ 180 करोड़
Offer for Sale (OFS): ₹ 320 करोड़ (प्रोमोटर द्वारा शेयर बेचे जाएंगे)
2. मूल्य बैंड (Price Band):
IPO की कीमत सीमा है ₹ 114 से ₹ 120 प्रति शेयर.
3. फेस वैल्यू:
प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू = ₹ 10.
4. लॉट साइज:
न्यूनतम 1 लॉट में 125 शेयर लगानी होगी।
अगर आप लॉट में लागू करें तो न्यूनतम निवेश, बंद कीमत पर ~₹ 15,000 है।
5. IPO की तारीखें:
खुलने की तिथि: 19 नवंबर 2025
बंद होने की तारीख: 21 नवंबर 2025
अनुमानित लिस्टिंग तिथि: 26 नवंबर 2025 (NSE और BSE पर)
Allotment (शेयर आवंटन) की तिथि: 24 नवंबर 2025
6. रिसर्वेशन (आरक्षण):
QIB (Qualified Institutional Buyers) – अधिकतम 50% शेयर।
रिटेल इन्वेस्टर – न्यूनतम 35% शेयर।
NII (Non-Institutional Investors) – न्यूनतम 15% शेयर।
7. प्रोceeds का उपयोग (IPO पैसा क्यों उठाया जा रहा है):
IPO से मिले पैसे को कंपनी निम्नलिखित कामों में उपयोग करना चाहती है:
मैसूर (Mysore) में ज़मीन खरीदने और नए बिल्डिंग का निर्माण। ~₹ 61.76 करोड़ की अनुमानित लागत।
मैसूर की मौजूदा फैक्ट्री के बाहरी इलेक्ट्रिकल सिस्टम (विद्युत सिस्टम) को अपग्रेड करना। ~₹ 39.51 करोड़।
IT इंफ्रास्ट्रक्चर (सॉफ़्टवेयर, हार्डवेयर, नेटवर्क) को अपग्रेड करना। ~₹ 54.6 करोड़।
बाक़ी फंड जनरल कॉर्पोरेट ज़रूरतों के लिए उपयोग किया जाएगा।
8. लिस्टिंग एक्सचेंज:
IPO के बाद Excelsoft Technologies के शेयर NSE और BSE पर लिस्ट होंगे।
9. लीड मैनेज़र और रजिस्ट्रार:
लीड मैनेज़र: Anand Rathi Investment Banking Ltd।
रजिस्ट्रार: MUFG Intime India Pvt Ltd।
10. वित्तीय प्रदर्शन (Financials):
FY 2025 (31 मार्च 2025 तक): कंपनी की राजस्व (Revenue) = ~₹ 233.2 करोड़।
FY 2025 में PAT (शुद्ध लाभ) = ₹ 34.69 करोड़।
EBITDA भी बढ़ा है — FY25 में EBITDA ~ ₹ 73.25 करोड़।
कंपनी का कुल कर्ज (Borrowings) कम है — यह उनके बैलेंस शीट के लिए पॉजिटिव पॉइंट माना जा रहा है।
11. जोखिम (Risks):
कंपनी की बहुत सारी राजस्व (Revenue) “Pearson Education Group” जैसे क्लाइंट्स पर निर्भर करती है, जिससे क्लाइंट-केंद्रित जोखिम बनता है।
कंपनी ने अपने प्रोमोटर (Pedanta Technologies) के कुछ एनसीडी (Non-Convertible Debentures) के लिए कॉर्पोरेट गारंटी दी है — यह उनकी बैलेंस शीट में एक “संभावित देयता (contingent liability)” हो सकती है।
रेगुलेटरी/compliance (पालन-जुड़ाव) जोखिम भी है — कंपनी को कुछ ESOP (कर्मचारी स्टॉक विकल्प) संबंधित फॉर्मों की समय पर फाइलिंग में देरी हुई थी।
12. मजबूत पक्ष (Strengths):
Excelsoft एक वर्टिकल SaaS कंपनी है जो खासकर लर्निंग (शिक्षा) और एसेसमेंट मार्केट में काम करती है।
उनकी टेक्नोलॉजी AI-पावर्ड है, और उन्होनें LLMs (Language Models) को अपने प्लैटफार्म में शामिल करना शुरू किया है।
उनका ग्लोबल क्लाइंट बेस है — कई देश और बड़े एजुकेशनल इनस्टिट्यूशन उनके ग्राहक हैं।
मैनेजमेंट टीम अनुभवी है और SaaS + एजुकेशन टेक्नोलॉजी में उनका काफ़ी अनुभव है।
13. प्रोमोटर्स / शेयरधारक स्थिति:
प्रमुख प्रमोटर: Pedanta Technologies Pvt Ltd, इसके अलावा Dhananjaya Sudhanva, Lajwanti Sudhanva, Shruthi Sudhanva।
IPO के पहले, प्रमोटर्स का होल्डिंग बहुत ज़्यादा है (~94.60%)।
IPO के बाद होल्डिंग थोड़ा घटेगी क्योंकि OFS भी हो रहा है।
मेरा विश्लेषण (Analysis)
पॉजिटिव पॉइंट्स:
Excelsoft एक नiche (विशिष्ट) SaaS कंपनी है, जिसका फोकस एजुकेशन और असेसमेंट पर है — यह मार्केट बड़े स्केल पर बढ़ने की क्षमता रखता है क्योंकि एजुकेशन टेक्नोलॉजी में मांग बढ़ रही है। उनके पास ग्लोबल क्लाइंट बेस है जो एक मजबूत पॉइंट है।
IPO से जुटाया गया फंड उनकी मौजूदा सुविधाओं (मैसूर) को बेहतर बनाने और IT इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड करने में जाएगा, जो भविष्य में उनके ऑपरेशनल स्केल-अप में मदद कर सकता है।
उनकी वित्तीय स्थिति भी मजबूत दिखती है — कम कर्ज, बढ़ता मुनाफा, और बढ़ते EBITDA मार्जिन।
रिस्क:
बहुत ज़्यादा क्लाइंट कॉन्सन्ट्रेशन (जैसे Pearson) जोखिम पैदा कर सकता है — अगर यह क्लाइंट हटा या कम काम दे, तो कंपनी को बड़ा झटका लग सकता है।
प्रमोटर गारंटी (corporate guarantee) एक चिंता का विषय है — अगर प्रमोटर की देनदारियों का बोझ बढ़ा, तो Excelsoft को जिम्मेदारी झेलनी पड़ सकती है।
IPO की कीमत (₹114-120) थोड़ा प्रीमियम लगती है, और भविष्य में निवेशकों को यह देखना होगा कि क्या कंपनी अपनी ग्रोथ को मेंटेन कर पाती

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