Lenskart Solutions Ltd IPO की पूरी कहानी, उस पर आने वाला ग्रे-मार्केट प्रीमियम (GMP) और वैल्यूएशन
यह रही Lenskart Solutions Ltd (लेंसकार्ट) की पूरी कहानी, आईपीओ (IPO), उस पर आने वाला ग्रे-मार्केट प्रीमियम (GMP) और वैल्यूएशन — हिंदी में, सरल भाषा में:
1. कंपनी का परिचय
लेंसकार्ट भारत की एक प्रमुख ऑमिक्नचैनल (ऑनलाइन + ऑफलाइन) आईवियर रिटेल कंपनी है — चश्मे, सनग्लासेस, कॉन्टैक्ट लेंस आदि बेचती है।
2008 में स्थापित हुई थी, और अब भारत सहित विदेशों में विस्तार कर चुकी है।
IPO में जाने से पहले कंपनी ने बड़े निवेशकों से निवेश लिया हुआ था और मार्केट में अच्छी उपस्थिति बना रखी थी।
2. IPO का खुलासा और उत्सुकता
लेंसकार्ट ने अपनी IPO के लिए फाइलिंग की थी — लगभग ₹7,500-8,000 करोड़ की राशि जुटाने की प्लानिंग थी।
IPO प्राइस बैंड तय हुआ था ₹382-₹402 प्रति शेयर।
IPO में बाज़ार का भरोसा दिखा — उदाहरण के लिए, सब्सक्रिप्शन रिकॉर्ड हुआ, कुल मिलाकर ~ 28.27 गुना (times) की सब्सक्रिप्शन मिली।
3. क्या कहा गया वैल्यूएशन में
इस प्राइस-बैंड के हिसाब से, IPO के बाद कंपनी का वैल्यूएशन लगभग US$7.9 बिलियन (लगभग ₹69 500-70 000 करोड़) के आसपास आ रहा था।
विश्लेषकों ने कहा कि इस वैल्यूएशन को देखते हुए कंपनी के लिए बहुत बड़े ग्रोथ को दिखाना होगा — क्योंकि मल्टीपल्स (जैसे P/E, EV/EBITDA) बहुत ऊँचे थे।
4. ग्रे-मार्केट प्रीमियम (GMP) क्या है?
सरल शब्दों में — जब IPO खुला है लेकिन शेयर लिस्ट नहीं हुए हैं, तब “अनौपचारिक” मार्केट में यह पहले से ट्रेड होते हैं। उस प्री-लिस्टिंग स्थिति में एक प्रीमियम चुकाने को तैयार लोग होते हैं — उसे GMP कहा जाता है। यह अक्सर यह संकेत देता है कि लिस्टिंग के समय शेयर कितने ऊपर/नीचे लिस्ट हो सकते हैं।
लेकिन ध्यान दें: GMP कानूनी या आधिकारिक नहीं होता, यह सिर्फ एक संकेत होता है — भरोसा तथा अनुमान के आधार पर।
5. लेंसकार्ट IPO में GMP का ट्रैक रिकॉर्ड
IPO के समय लेंसकार्ट का GMP काफी ऊँचा था — शुरुआत में ~ ₹95 प्रति शेयर के आसपास देखा गया था, जो कि ~23-24% के अनुमानित लिस्टिंग प्रीमियम का संकेत था।
लेकिन जैसे-जैसे लिस्टिंग की नजदीकी आई, GMP बहुत तेजी से गिरा — उदाहरण के लिए, 7 नवंबर की रिपोर्ट में GMP सिर्फ ~ ₹10.5 प्रति शेयर का रहा, जो कि लगभग ~2.6% प्रीमियम का ही संकेत था।
अन्य रिपोर्टों में बताया गया कि GMP पहले ~₹108 तक था, फिर ~₹15-30 के बीच आ गया।
मतलब: शुरुआत में लोगों ने उम्मीद जताई थी कि लिस्टिंग पर बड़ा उछाल हो सकता है, लेकिन बाद में बाजार ने थोड़ा संयम दिखाया।
6. क्या यह लिस्टिंग के दिन “उछाल” दिखाएगी?
वैल्यूएशन बहुत ऊँचा था, इसलिए बहुत बड़े लिस्टिंग गेंस की उम्मीद कम की गई थी।
विश्लेषकों ने कहा कि यदि कंपनी भविष्य में ग्रोथ, मार्जिन सुधार और अन्तरराष्ट्रीय विस्तार जैसी चीजें दिखाएगी तभी यह वैल्यूएशन जायज़ ठहरेगा।
उदाहरण के लिए, ब्रोकरेज फर्म Ambit Capital ने IPO के ठीक पहले “Sell” रेटिंग दी थी — यह कहकर कि वर्तमान प्राइस में उतरने की संभावना है।
7. हमारी समझ में मुख्य बिंदु
लेंसकार्ट के पास वास्तव में अच्छा बिजनेस मॉडल है — भविष्य में आईवियर का मार्केट बढ़ने वाला है, ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों चैनल हैं।
लेकिन: IPO के समय की मांग + वैल्यूएशन + तीसरे-फिर निरीक्षण (execution) — इन सभी को मिलाकर यह तय होगा कि निवेशकों को लाभ होगा या नहीं।
GMP की गिरावट ने संकेत दिया कि मार्केट ने लिस्टिंग के समय बड़े उछाल की उम्मीद कम करना शुरू कर दिया था।
यदि आप इस IPO में निवेश करने वाले हैं तो ध्यान दें — यह सिर्फ “लिस्टिंग डे का लाभ” नहीं है बल्कि लंबी अवधि में किस तरह कंपनी काम करेगी यह ज़्यादा मायने रखेगा।

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