भाऊसाहेब कहते हैं, "सपनों को साकार करने का कोई सही समय नहीं होता। बस खुद पर विश्वास रखो।"

 


पुणे के भाऊसाहेब नवले ने 50 की उम्र में अपनी नौकरी छोड़कर अपने दोस्त शरद पाटिल के साथ 'ग्रीन्स एंड ब्लूम्स' नाम की नर्सरी शुरू की। 150 से ज्यादा विदेशी फूलों की खेती करने वाले भाऊसाहेब ने अपने जुनून को व्यवसाय में बदल दिया।  


मार्च 2020 में शुरुआत के कुछ ही दिनों बाद देश में लॉकडाउन लग गया, लेकिन उनकी मेहनत और दृढ़ता से यह व्यवसाय आज 2 करोड़ रुपये सालाना का कारोबार कर रहा है।  


अपने पिता से खेती का प्रेम सीखा भाऊसाहेब कहते हैं, "सपनों को साकार करने का कोई सही समय नहीं होता। बस खुद पर विश्वास रखो।"


#Inspiration #Horticulture #Entrepreneurship #SuccessStory #BusinessIdeas #Agriculture

Comments

Popular posts from this blog

सेबी ने बाजार में लिस्टेड कंपनी को किया बैन, शेयर क्रैश,

Startup ShutDown: बंद हो गया स्टार्टअप, ओला के भाविश अग्रवाल ने भी लगाए थे पैसे, सब डूब गए!

NGO CyberPeace ने InMobi के साथ मिलकर पेश किया Digital Jan Shakti, सरकार ने की सराहना

MBA Chaiwala: कितनी संपत्ति के मालिक हैं , 26 की उम्र में चाय बेचकर बने करोड़पति

ग्वालियर में हीरे का बड़ा भंडार! डायमंड ब्लॉक के लिए 35 गांवों की पहचान